योग अनन्त का दर्शन व परम स्वास्थ्य का विज्ञान हैः योगाचार्य विजय

भदोही। योग अभ्यास से हमारी प्राण शक्ति स्वतः औषधि शक्ति के रूप में परिवर्तित होने लगती है जिससे हमारे सरीरस्थ सप्त धातुएं जैसे- रस, रक्त, मेध, मांस, अस्थि, मज्जा व तेज सभी पुष्ट होते हैं। साथ ही यह भी कहा कि योग अनन्त का दर्शन व परम स्वास्थ्य का विज्ञानं है। उक्त बातें योग संजीवनी ट्रस्ट के तत्वावधान में शहर कोतवाली में आयोजित स्वस्थ जीवन के लिये योग प्रबंधन कार्यक्रम में योगाभ्यास के दौरान योग व हर्बल विशेषज्ञ योगाचार्य विजय श्रीवास्तव ने व्यक्त किया। इस दौरान उपस्थित लोगो नें रक्तचाप, अर्थोरिटिस, बवासीर, मधुमेह, थाइराइड, रक्त विकास, स्वसन, गैस, साइनस, हृदय रोग, इस्नोफीलिया, पाचन तंत्र सम्बन्धित क्लिस्ट रोग इत्यादि के बारे में बताया जिस पर श्री श्रीवास्तव योग व हर्बल द्वारा विधि बताया। उपरोक्त कार्यक्रम में सैकड़ों महिला व पुरूष सहित पुलिसकर्मी उपस्थित रहे जहां प्रभारी निरीक्षक कोतवाली भदोही नवीन तिवारी ने कहा कि जिस प्रकार मनुष्य भोजन को अपनी दिनचर्या में आवश्यक समझता है, उसी प्रकार योग को भी अंगीकार करना चाहिये कार्यक्रम का संचालन योग संजीवनी ट्रस्ट के तरूण शुक्ल ने किया। अन्त में डा. दशरथ बिन्द ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार जताया।

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