इमाम हुसैन ने इंसानियत को मरने से बचाया : मौलाना नेसार हुसैन

जौनपुर। करंजाकला ब्लाक के करंजाखुर्द गांव में सदर इमामबारगाह में मजलिस हुई जिसमें सोज़ख़्वानी शबाब हैदर व उनके हमनवा बार दुआरिया ने किया। पेशखानी ज़फर नसीराबादी शोज़ब करंजाखुर्द वसी हैदर औन केराकती मजलिस को खतीब ए इंकेलाब ज़ाकिर ए अहलेबैत मौलाना नेसार हुसैन "प्रिंस" दख्खिनपट्टी बबरखा ने खेताब किया। मौलाना ने कहा कि हमें कुर्बानी इमाम हुसैन अ0स0 के मकसद को निगाहों में रख कर अज़ादारी और शब्बेदारी को अंजाम देना चाहिए। मौलाना ने कहा कि इमाम हुसैन अ0स0 ने दुनिया की सबसे बड़े आतंकवादी यजीद के खिलाफ सच्चाई की आवाज़ बुलंद की और इंसानियत को मरने से बचाया। इंसानियत की इससे बड़ी क्या मिसाल हो सकती है कि यज़ीद की फ़ौज का कमांडर हुर जैसे गुनहगार को गले लगा कर बताया अगर कोई हमारे दर पर आ जाता है तो हम उसे भी माफ़ कर देते है जिन्हें हम जनाब ए हुर कहते है। मजलिस के बाद जनाब ज़ाकिर ए अहलेबैत डॉ. कमर अब्बास शबीह ए अमारी का तार्रुफ़ कराया। हुज्जतुल इस्लाम मौलाना अब्बास अली खां क़िबला मौलाना सैय्यद मोहमद ताबिश क़िबला व मौलाना शौज़ब साहब क़िबला ने तक़रीर के फराएज़ को अंजाम दिया। इसके बाद बाहर से आई हुई अंजुमन अज़ादारीया कदीम जौनपुर, अंजुमन अज़ाए हुसैन बबरखा दख्खिनपट्टी, अंजुमन दस्तए तनवीर हैदरी सिपाह, मकसदे हुसैन रन्नो, अंजुमन हैदरी कोरापट्टी, नौहा खा ज़फर नसीराबादी, नौहा खां तुफैल अब्बास रन्नवी, ज़ैन रिज़वी ने पढ़ा और जुलूस पूरे गांव में गश्त करते हुए वापस सदर इमामबारगाह में खत्म हुआ। मजलिस में वसी हैदर, सुल्तान हैदर, सिप्ते अब्बास, कल्बे हैदर शकील, इमरान, राजा, शानू, गांधी, गौहर, आजम जैदी, नवाज हैदर, फैजान हैदर, औसाफ हैदर, तश्शन, बच्छन, सलमान हैदर, मो. अली वकील सहित कई लोग मौजूद रहे। आए हुए मोमनीन का बानिए जुलूस अंजुमन शमशीरे हैदरी के लोगों ने शुक्रिया अदा किया।

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