सूचना क्रांति ने सिस्टम को बनाया पारदर्शी : प्रो अजय

जौनपुर।  संविधान दिवस पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बी.ए एलएल.बी पाठ्यक्रम विभाग की ओर से संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में एक संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें "इलेक्ट्रॉनिक युग में भारतीय संविधान की प्रस्तावना की प्रासंगिकता" विषय पर विद्वानों ने अपना विचार व्यक्त किया। इस अवसर पाठ्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक युग में सोशल मीडिया, कंप्यूटर व विज्ञान -तकनीकी सूचना क्रांति ने सरकारों को पारदर्शी व जवाबदेह बनाया है मध्यम वर्ग की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई है डाटा कलेक्शन व सरकारी आंकड़े आसानी से सबकी पहुंच में है आम जनमानस का राजनीतिक सामाजिकरण व सहभागिता बढ़ी है ,जिसमें भारतीय संविधान के मूल लक्ष्य समाजार्थिक, राजनीतिक न्याय ,स्वतंत्रता समानता ,भातृत्व को प्राप्त करना आसान हुआ है। प्रो. अजय द्विवेदी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक युग मे ई- गवर्नेंस के चलते सरकार की पहुंच जनता तक और जनता की पहुंच सरकार तक आसान हुई है! सरकारों में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित हुई है। डॉ.अनुराग मिश्र ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना रेस्टोरेंट के मीनू की तरह है जैसे हम मीनू में देखकर यह समझ जाते हैं कि रेस्टोरेंट की रसोई में खाने के क्या सामान है ,उसी प्रकार संविधान की प्रस्तावना को देखते ही पूरे संविधान की झांकी मिल जाती है! डॉ.मंगल प्रसाद यादव ने आई.टी. ऐक्ट 2000  पर प्रकाश डाला । डॉ.बनिता सिंह ने समाजार्थिक न्याय पर बल दिया!संचालन डॉ.मनोज कुमार पाण्डेय ने किया। 

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