श्रद्धा से मनाया गया प्रकाशोत्सव, हुआ सबद कीर्तन

जौनपुर। सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व शुक्रवार को पूरे जनपद में श्रद्धा और भक्ति से मनाया गया। जनपद भर के गुरुद्वारों में प्रकाश पर्व पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शहर के रासमण्डल स्थित गुरुद्वारा में सवेरे से ही सबद कीर्तन एवं अन्य विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।  सुबह शबद कीर्तन के साथ पर्व की शुरूआत हुई। दोपहर को लंगर के साथ पंचप्यारे का जुलूस निकाला गया। 
ज्ञात हो कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के जन्मदिन को प्रकाश उत्सव के तौर पर भी मनाया जाता है। यह दिन हमेशा कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। चंद्र पंचाग हर साल ग्रह नक्षत्रों की चाल के हिसाब से बदलता रहता है. इसलिए अंग्रेजी कलेंडर के हिसाब से गुरुनानक जयंती अक्टूबर या नवंबर पड़ती है, कहते हैं कि गुरु नानक देव ने लोगों की भलाई के लिए और समाज से बुराई को दूर करने के लिए कभी भी पारिवारिक जीवन और सुख का ध्यान नहीं किया. गुरु नानक के जन्म को लेकर दो मत है. कुछ लोगों का मत है कि गुरु नानक देव का जन्म 15 अप्रैल 1469 को हुआ था. लेकिन कई लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव की जयंती मनाते हैं। गुरु नानक देव का विवाह 16 वर्ष की आयु में ही हो गया था. फिर 32 वर्ष की आयु में इनके पहले बेटे का जन्म हुआ. इसके चार साल बाद दूसरे पूत्र लखमीदास का जन्म हुआ. बताया जाता है कि इसके बाद 1507 में वे अपने साथी मरदना, लहना, बाला और रामदास को लेकर तीर्थयात्रा पर निकल गए. इस दौरान उन्होंने भारत के अलावा अन्य कुछ देशों की यात्रा भी की थी। गुरु नानक जयंती के मौके पर गुरु नानक की दी गई शिक्षाओं को याद किया जाता है. इसके लिए देशभर में तरह-तरह के आयोजन भी होते हैं. इस दौरान कई स्थानों पर अखंड पाठ भी किया जाता है. जो 48 घंटे तक चलता है. इसमें गुरु ग्रंथ साहिब के प्रमुख अध्यायों का पाठ किया जाता है. इसके अलाव गुरु नानक जयंती से एक दिन पहले सिख समुदाय के लोग नगर कीर्तन भी करते हैं।

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