जनक कुमारी इण्टर कालेज ने तोड़ा रिकार्ड, करीब एक हजार बच्चो को लगाया गया टीका
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जौनपुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चो को मीजिल्स रूबेला विमारी से बचाने के लिए टीका करण अभियान चलवा रही है। इस अभियान का सारा रिकार्ड आज नगर के जनक कुमारी इण्टर कालेज ने तोड़ दिया। यहां पर कुल 9 सौ 37 छात्र-छात्राओ को टीका लगाया। इसका मुख्य श्रेय प्रिंसपल डा0 जंग बहादुर सिंह को बताया गया है। उन्होने सभी बच्चो को इसकी जानकारी पहले ही दिया था तथा बच्चो को विश्वास दिलाया था कि इस इंजेक्शन से डरने की जरूरत नही है, यह भविष्य में होने वाले विमारियों का सुरक्षा कवच्छ है। स्वास्थ्य विभाग के आकड़े के अनुसार अभी तक एक विद्यालय में 7 सौ 97 के बच्चो को टीका करण का रिकार्ड था लेकिन आज वह रिकार्ड ध्वस्त हो गया।
विद्यालय में छात्र-छात्राओं को मिजिल्स व रूबेला का टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य महकमे विद्यालय प्रशासन की तरफ से शिविर का आयोजन किया गया था। टीकाकरण के कुछ ही देर बाद करीब आधा दर्जन बच्चों की तबीयत खराब हो गई। दसवीं कक्षा के छात्र सूरज निषाद पुत्र विजय निषाद निवासी शिवपुर, जमैथा थाना जफराबाद हाथ-पैर सुन्न होने से बेहोश हो गया। विद्यालय में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। उसे आनन-फानन उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया जबकि अन्य बच्चों का विद्यालय में ही इलाज शुरु कर दिया गया। कुछ देर उपचार के बाद स्थिति सामान्य होने पर स्कूल से छात्र-छात्राओं को छुट्टी देकर घर भेज दिया गया। उधर, जिला अस्पताल में भर्ती सूरज को भी हालत में सुधार होने पर घंटे भर बाद छुट्टी दे दी गई। तब जाकर विद्यालय प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे ने राहत की सांस ली।
विद्यालय में छात्र-छात्राओं को मिजिल्स व रूबेला का टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य महकमे विद्यालय प्रशासन की तरफ से शिविर का आयोजन किया गया था। टीकाकरण के कुछ ही देर बाद करीब आधा दर्जन बच्चों की तबीयत खराब हो गई। दसवीं कक्षा के छात्र सूरज निषाद पुत्र विजय निषाद निवासी शिवपुर, जमैथा थाना जफराबाद हाथ-पैर सुन्न होने से बेहोश हो गया। विद्यालय में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। उसे आनन-फानन उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया जबकि अन्य बच्चों का विद्यालय में ही इलाज शुरु कर दिया गया। कुछ देर उपचार के बाद स्थिति सामान्य होने पर स्कूल से छात्र-छात्राओं को छुट्टी देकर घर भेज दिया गया। उधर, जिला अस्पताल में भर्ती सूरज को भी हालत में सुधार होने पर घंटे भर बाद छुट्टी दे दी गई। तब जाकर विद्यालय प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे ने राहत की सांस ली।