कलियुग में प्रभु नाम का स्मरण ही सुख का पर्याय :आशुतोष जी महाराज
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मुंगराबादशाहपुर ( जौनपुर ) । कलियुग में मनुष्य के लिए प्रभु नाम का स्मरण ही सुख का पर्याय है । उक्त बातें क्षेत्र के ग्राम भीखपुर में विजय शंकर पाण्डेय के यहां चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में शुक्रवार को श्रीधाम बृंदावन से पधारे आशुतोष जी महाराज ने व्यासपीठ से बोलते हुए कही । महाराज जी ने कहा कि माँ इस युग मे एक अचूक वरदान है माँ ही बच्चों की प्रथम पाठशाला है । बेटों को माता-पिता का सदैव ख्याल रखना होगा उन्होंने आगे कहा कि कलयुग में प्रभु के नाम का स्मरण करते हुए प्रभु नाम की मस्ती में खो जाने पर सुख-दुख , मान - सम्मान , अपमान की परवाह नहीं होती । पद पाने पर विनम्रता अपने आप आती चली जाती है । समाज में अच्छा काम करने वालों की प्रशंसा होनी चाहिए तभी सामाजिक जीवन सार्थक होगा । कथा व्यास श्री आशुतोष महाराज ने आगे कहा कि ओम नमो भगवते वासुदेवाय यह द्वादश अक्षरों का महामंत्र है । इसे सभी वैष्णवो को जपना चाहिए । संस्कृत की समृद्धि के लिए समाज को आगे आना होगा । गौ सेवा को महत्वपूर्ण बनाना होगा उन्होंने सुनीति और सुरुचि की व्याख्या करने के बाद गुरुचरित्र पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे परमात्मा को सहज भाव से पाने की शिक्षा मिलती है । इस अवसर पर विजय शंकर पाण्डेय , राजेन्द्र मिश्र , श्रीधर दुबे , विशम्भर दुबे , अरुण पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में महिला एवं परुष श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे ।