टीबी से दो भाइयों की मौत, तीसरा गंभीर
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जौनपुर। सरकार टीबी के मरीजों के लिए अनेक प्रकार की सुविधायें दे रही है, इस रोग के मरीजों की घर घर तलाश हो रही है उन्हे दवायें भी निःशुल्क दी जाती है बावजूद इसके एक ही परिवार के दो युवाओं की इस बीमारी ने जान ले लिया और तीसरे भाई की हालत नाजुक बनी है, सम्बन्धित विभाग कुंभकर्णी निद्रा में पड़ा है। खुटहन ब्लाक में सफाई कर्मी पद पर कार्यरत फिरोज आलम पूरे परिवार के साथ ब्लाक में किराये का मकान लेकर रहते है। इनके तीन पुत्र टीबी के बीमारी से ग्रसित है। दो पुत्रों की दो दिन के अन्दर मौत हो गई और तीसरा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। बताते हैं कि फिरोज लगभग बीस साल से किराए का मकान में अपना जीवन यापन कर रहा है। एक वर्ष पुर्व इनकी पत्नी की मौत हो गयी। एक साल बीता नहीं कि इसके 25 वर्षीय पुत्र इकबाल आलम की मौत टीबी के बीमारी से मौत हो गयी। अभी उसके मौत का मातम मना रहे थे कि दूसरे दिन 23 वर्षीय जान मोहम्मद की भी मौत इयी बीमारी से मौत हो गयी और तीसरा लडका इन्तियाज जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। आरोप है कि स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र खुटहन द्वारा आधार कार्ड न होने से पीड़ित को दवा नहीं दी गई। डॉक्टर ने दवा पर्ची लिखने के बावजूद भी दवा नहीं मिली पीड़ित अपने पुत्र को जिला अस्पताल ले जाकर दवा कराना शुरू किया है लेकिन सुधार नहीं है। ज्ञात हो कि फिरोज आलम पुलिस लाइन व विकास भवन जौनपुर में लगभग 19 साल कार्य किया हैं। उसके बाद इसका ट्रांसफर खुटहन मुख्यालय में हो गया। यहां लगभग दस साल से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इनका बचपन ननिहाल में बीता घर का कोई पता नही ननिहाल ग्राम पवई जनपद आजमगढ़ है और स्थाई मकान भी नही है। सफाई कर्मी के पद पर तैनात हैं अपने पूरे परिवार का पालन पोषण और दवा इन्हीं बदौलत चलता है।