श्रद्धापूर्वक हुई गोवर्धन पूजा
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जौनपुर : जनपद के विभिन्न स्थानों पर मंगलवार को गोवर्धन पूजा
श्रद्धा पूर्वक की गई। गोबर से बना पहाड़ उठाए भगवान श्रीकृष्ण की आकृति
बनाकर पूजन किया गया। प्रसाद का वितरण किया। इस मौके पर वक्ताओं ने भगवान
कृष्ण की लीला का वर्णन किया।
नगर
के बारीनाथ मठ में योगी देवनाथ व रसिया संकीर्तन मंडल के संस्थापक स्व.
गजेंद्र सिंह के ढालगर टोला स्थित आवास पर पूजन का कार्यक्रम हुआ। पूजन
कार्यक्रम आचार्य डा. रजनीकांत , संजय पाठक, निशाकांत द्विवेदी, मनोज
मिश्रा, आलोक मिश्रा राजेश सिंह मुन्ना , समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल
हुए।
इस
मौके पर स्व. गजेंद्र सिह के पुत्र शशांक सिंह रानू ने रसिया के माध्यम से
ब्रज की गोवर्धन लीला का वर्णन अन्नकूट के पावन पर्व पर किया। उन्होंने
कहा कि भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं के अंतर्गत गोवर्धन लीला बहुचर्चित लीला
कन्हैया की है। प्रभु जब प्रात: उठे तो देखा कि मां यशोदा मुंह पर पट्टी
बांधकर नाना प्रकार के पकवान बना रही हैं। कन्हैया के पकवान मांगने पर
यशोदा जी ने मना कर दिया। कन्हैया नंद बाबा के पास जाकर रोने लगे। कारण
पूछने पर इंद्र की पूजा का वर्णन नंद बाबा ने कन्हैया को बताया कि इंद्र
हमारे देवता हैं और बादल, वर्षा उन्हीं का रूप है। इंद्र पूजा से प्रसन्न
होकर जल वर्षा करते हैं तो हमारी भूमि हरी-भरी हो जाती है। कन्हैया ने कहा
बाबा जीव का जन्म कर्म से होता है इसलिए जो कर्म करते हैं ईश्वर उन्हीं को
फल भी देते हैं। हमारे प्रत्यक्ष देवता तो गिरिराज जी हैं। इसलिए हमें
उन्हीं की पूजा करनी चाहिए। मैं आपको बचन देता हूं कि हमारी पूजा से
गिरिराज गोवर्धन नाथ प्रसन्न होंगे। वह इंद्र के प्रकोप से हमारी रक्षा भी
करेंगे।
शशांक ने कहा
कि कन्हैया के इस विचार को समस्त ब्रजवासियों ने स्वीकार कर गोवर्धन जी की
पूजा की। इंद्र को पता चला तो उन्होंने सात दिन भारी वर्षा की परंतु
कन्हैया ने गोवर्धन जी को नख पर धारण कर समस्त ब्रजवासियों की रक्षा की और
इंद्र का अभिमान तोड़ दिया। इंद्र ने परमात्मा से प्रार्थना किया, क्षमा
मांगी।