भाषा शिक्षण का जीवन में महत्वपूर्ण योगदान

जौनपुर। भाषा सीखने की तकनीकि और इसे सरल रूप में समझना केवल भाषा शिक्षण से ही समझा जा सकता है। भाषा की वजह से आज हम सभी एक दूसरे को सुन व समझ पा रहे हैं। आये हुए सभी प्रशिक्षणार्थियों को भाषा शिक्षण की तकनीकि तथा उसके उपागमों को बेहद आसान बनाते हुए तथा इसके नये स्वरूपों को तलाशते हुए दिव्यांग बच्चों की भाषा को और सुधारने का प्रयास करें। उक्त बातें भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली द्वारा आयोजित ‘सतत् पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम’   के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तिम दिन रचना विशेष विद्यालय में बतौर मुख्य अतिथि जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी सुरेश कुमार मौर्य ने कही। इस मौके पर विद्यालय के मुख्य समन्वयक सुनील कुमार गुप्ता ने कहाकि दिव्यांग बच्चों के जीवन में भाषा शिक्षण का बहुत महत्व है। हमें यह ध्यान रखना है कि भाषा शिक्षण की तकनीकि और पद्धतियांे को हम कैसे संचालित करें ताकि इनमें जो भाषा का विकार है वो जल्द से जल्द ठीक हो जाय। इसी क्रम में कार्यक्रम समन्वयक नितेश कुमार सिंह ने भाषा शिक्षण की विभिन्न तकनीकि एवं उपायों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के प्रवक्ता डा. संतोष कुमार सिंह ने किया। विद्यालय के अन्य प्रवक्ता सुनील कुमार, अम्बे देवी, ऋषिकेश मौर्य, सचिन यादव, आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए कई जिलों से आये हुए प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि ने प्रमाण पत्र वितरित किया। अन्त में आये हुए सभी प्रशिक्षणार्थियों एवं अतिथियों का प्रबन्धक नसीम अख्तर ने आभार ज्ञापित किया।

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