अंततः पुलिस ने दुकानदार को दी क्लीनचिट,खुद की प्राथमिकी से पलटी
https://www.shirazehind.com/2020/06/blog-post_412.html
विधायक हरेंद्र सिंह,व्यापार मंडल व अन्य नेताओं का दबाव रहा सफल
जौनपुर। लाइन बाजार थाना क्षेत्र में फोटोस्टेट के 40 रुपए को लेकर हुए विवाद में पुलिस को अपनी ही एफआईआर से अंततः पलटना पड़ा और फोटोस्टेट दुकानदार विनोद सिंह व उनके परिवार वालों को क्लीन चिट देते हुए फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।शासन और सत्ता की हनक तथा व्यापार मंडल का दबाव काम आया।विवाद बढ़ाने के सूत्रधार थानाध्यक्ष का भी दूसरे थाने पर स्थानांतरण हो गया।
दुकानदार विनोद सिंह का आरोप है कि 6 जून 2020 को 6:30 बजे शाम उनकी फोटोस्टेट की दुकान पर लाइन बाजार थाने का सिपाही रामाश्रय उपाध्याय आया।कुछ कागज फोटोस्टेट कराए जिसके 40 रूपये मांगने पर नाराज होकर गालियां दिया तथा मारा पीटा।लोगों ने बीच-बचाव किया।फोटोस्टेट के रुपए मांगना पुलिस को नागवार गुजरा।थोड़ी देर बाद थानाध्यक्ष लाइन बाजार व अन्य पुलिसकर्मी कई गाड़ियों से उसकी दुकान पर आए तथा घर में घुसकर उसके बच्चों तथा गर्भवती भतीजी को मारे पीटे।भतीजी लहूलुहान हो गई।बच्चों को थाने उठा ले गए।क्षेत्रीय विधायक हरेंद्र सिंह आसपास के लोग तथा मीडियाकर्मियों के पहुंचने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए छोड़े।विधायक की पुलिस अधीक्षक से वार्ता के बाद पुलिस अधीक्षक ने सिपाही रामाश्रय को झगड़े का जिम्मेदार पाते हुए निलंबित किया लेकिन पुलिसकर्मी को निलंबित करना थानाध्यक्ष को बुरा लगा।उन्होंने रामाश्रय से ही दुकानदार विनोद सिंह व उनके परिवार वालों पर मारपीट,बलवा,लोकसेवक पर हमला,गाली गलौज इत्यादि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराया।विनोद ने भी डीजीपी,मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग हर जगह घटना की शिकायत दरखास्त भेजकर किया। तमाम नेता व व्यापार मंडल पुलिस की इस दमनात्मक कार्रवाई की निंदा किए तथा पुलिस अधीक्षक से मिलकर कार्यवाही की मांग किए। जनपद में पुलिस विभाग की इस मामले को लेकर काफी छिछालेदर हुई।विवेचक ने वादी पुलिसकर्मी व गवाहों के बयान लिए।घटनास्थल का निरीक्षण किया।अन्य साक्ष्य संकलित किए जिसके आधार पर पाया कि दुकानदार विनोद सिंह के खिलाफ जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया वह जुर्म साबित नहीं पाया गया।विवेचक ने साक्ष्य के अभाव में दुकानदार व उसके परिवार वालों को क्लीन चिट देते हुए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दिया।इस मामले को लेकर कुछ स्थानीय नेता पुलिस के उच्च अधिकारियों से भी मिलकर शिकायत किए थे।
जौनपुर। लाइन बाजार थाना क्षेत्र में फोटोस्टेट के 40 रुपए को लेकर हुए विवाद में पुलिस को अपनी ही एफआईआर से अंततः पलटना पड़ा और फोटोस्टेट दुकानदार विनोद सिंह व उनके परिवार वालों को क्लीन चिट देते हुए फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।शासन और सत्ता की हनक तथा व्यापार मंडल का दबाव काम आया।विवाद बढ़ाने के सूत्रधार थानाध्यक्ष का भी दूसरे थाने पर स्थानांतरण हो गया।
दुकानदार विनोद सिंह का आरोप है कि 6 जून 2020 को 6:30 बजे शाम उनकी फोटोस्टेट की दुकान पर लाइन बाजार थाने का सिपाही रामाश्रय उपाध्याय आया।कुछ कागज फोटोस्टेट कराए जिसके 40 रूपये मांगने पर नाराज होकर गालियां दिया तथा मारा पीटा।लोगों ने बीच-बचाव किया।फोटोस्टेट के रुपए मांगना पुलिस को नागवार गुजरा।थोड़ी देर बाद थानाध्यक्ष लाइन बाजार व अन्य पुलिसकर्मी कई गाड़ियों से उसकी दुकान पर आए तथा घर में घुसकर उसके बच्चों तथा गर्भवती भतीजी को मारे पीटे।भतीजी लहूलुहान हो गई।बच्चों को थाने उठा ले गए।क्षेत्रीय विधायक हरेंद्र सिंह आसपास के लोग तथा मीडियाकर्मियों के पहुंचने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए छोड़े।विधायक की पुलिस अधीक्षक से वार्ता के बाद पुलिस अधीक्षक ने सिपाही रामाश्रय को झगड़े का जिम्मेदार पाते हुए निलंबित किया लेकिन पुलिसकर्मी को निलंबित करना थानाध्यक्ष को बुरा लगा।उन्होंने रामाश्रय से ही दुकानदार विनोद सिंह व उनके परिवार वालों पर मारपीट,बलवा,लोकसेवक पर हमला,गाली गलौज इत्यादि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराया।विनोद ने भी डीजीपी,मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग हर जगह घटना की शिकायत दरखास्त भेजकर किया। तमाम नेता व व्यापार मंडल पुलिस की इस दमनात्मक कार्रवाई की निंदा किए तथा पुलिस अधीक्षक से मिलकर कार्यवाही की मांग किए। जनपद में पुलिस विभाग की इस मामले को लेकर काफी छिछालेदर हुई।विवेचक ने वादी पुलिसकर्मी व गवाहों के बयान लिए।घटनास्थल का निरीक्षण किया।अन्य साक्ष्य संकलित किए जिसके आधार पर पाया कि दुकानदार विनोद सिंह के खिलाफ जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया वह जुर्म साबित नहीं पाया गया।विवेचक ने साक्ष्य के अभाव में दुकानदार व उसके परिवार वालों को क्लीन चिट देते हुए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दिया।इस मामले को लेकर कुछ स्थानीय नेता पुलिस के उच्च अधिकारियों से भी मिलकर शिकायत किए थे।