बैक डोर से शिक्षा विभाग में नौकरी का पुराना खेल
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जौनपुर। जनपद में शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा कोई नया नहीं है। यहां दो दशक से पिछले दरवाजे से नियुक्ति का खेल बेखौफ खेला जा रहा है। एक मृतक आश्रित के पद पर तीन ने नौकरी हासिल की तो एक शिक्षक के प्राथमिक व माध्यमिक में एक साथ वेतन लेने का भी खुलासा हुआ है। जिले में भ्रष्टाचार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गत दस साल में 200 से अधिक शिक्षक, कर्मचारी बर्खास्त किए जा चुके हैं तो पांच सौ से अधिक कार्रवाई होने के बाद डबल बेंच व सर्वोच्च न्यायालय की शरण में गए हैं। जहां मामले न्यायालय में लंबित हैं। जनपद के माध्यमिक विद्यालयों में एक पद पर दो शिक्षकों, लिपिकों की तैनाती को लेकर हमेशा चर्चा में रहा है। इतना ही नहीं 11 माह के अस्थाई तैनाती के बाद शासन के आदेश को दबाकर कई शिक्षक वर्षों से नौकरी कर रहे हैं। इनमें कुछ अवकाश ग्रहण कर चुके हैं तो कुछ ने प्रमोशन पाकर प्रधानाचार्य पद हासिल किया है। परिषदीय विद्यालयों में भी पिछले दरवाजे से नौकरी पाने वालों की लंबी फेहरिस्त है। मृतक आश्रित का लाभ पाकर परिवार के दो से तीन लोगों के नौकरी हासिल करना, मेरिट बढ़ाने के लिए फर्जी अंकपत्र व प्रमाण पत्र लगाने, फर्जी मार्कशीट से शिक्षक बनने के कई मामले उजागर हुए हैं। इतना ही नहीं 100 से अधिक शिक्षकों पर बर्खास्तगी की गाज भी गिर चुकी है।

