एक बार फिर बजट पर नहीं बन पाई सहमति , जमकर हुआ हंगामा
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जौनपुर। नगर पालिका परिषद जौनपुर बोर्ड की बैठक शनिवार को कांशीराम सामुदायिक भवन में शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ हुई। इसमें एक बार फिर बजट पर सहमति नहीं बन पाई। सदस्यों ने विकास कार्य न होने को लेकर जमकर हंगामा किया। कुछ सभासद सुनवाई न होने के कारण सदन को बीच में ही छोड़कर चले गए।
बैठक निर्धारित समय से आधा घंटा देरी से 12.30 बजे चेयरमैन माया दिनेश टंडन की अध्यक्षता में शुरू हुई। पर्यवेक्षक की भूमिका में एसडीएम नीतीश सिंह रहे। मार्च में बजट सत्र की पिछली बैठक संसद व विधानसभा सत्र चलने के कारण स्थगित कर दी गई थी। कोविड-19 के चलते स्थगित बैठक को तीन माह बाद शारीरिक दूरी के साथ काशीराम सामुदायिक भवन में कराया गया। सबसे पहले लद्दाख में शहीदों को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद पिछली कार्यवाही की पुष्टि के बगैर सदन शुरू करने पर सभासदों ने विरोध जताया। इस दौरान सभी के सामने सचिव आरके प्रसाद ने एक अरब 64 करोड़ 17 लाख 70 हजार का बजट प्रस्तुत किया गया। इसमें सभासद रेनू पाठक व नमिता सिंह ने कहा कि किस सभासद के वार्ड में कितना काम है इसको भी बताया जाए। न बताने पर विरोध जताया। एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर एक ही वार्ड में काम देने का विरोध हुआ। वहीं सभासद संतोष मौर्य ने 25 करोड़ रुपये डीजल पर खर्च पर आपत्ति जताई और कहा कि इसके लिए ढाई करोड़ रुपये पर्याप्त है। नए सभासदों का परिचय न होने पर सभासद दीपक जायसवाल व विपिन सिंह ने आपत्ति जताई। बोर्ड के नामित सभासद रामकृष्ण नारायण ने कहा कि पालिका के लिपिक द्वारा उनकी कोई सुनवाई नहीं की। बैठक की न तो कोई तैयारी हैं न जानकारी इसको मजाक बनाकर रखा है। बैठक की कार्यवाई से संतुष्ट न होने पर सभासद दीपक जायसवाल, सतीश सिंह व कुछ अन्य सभासद बीच में ही चले गए। इससे बजट पर सभी सभासदों की सहमति नहीं बन सकी। इस मौके पर अलमास सिद्दीकी, संतोष मौर्या, मनीष सोनकर, हुस्न आरा मंसूरी, डा.हसीन बबलू, शरद टंडन, कृष्णा यादव आदि मौजूद थे।
बैठक निर्धारित समय से आधा घंटा देरी से 12.30 बजे चेयरमैन माया दिनेश टंडन की अध्यक्षता में शुरू हुई। पर्यवेक्षक की भूमिका में एसडीएम नीतीश सिंह रहे। मार्च में बजट सत्र की पिछली बैठक संसद व विधानसभा सत्र चलने के कारण स्थगित कर दी गई थी। कोविड-19 के चलते स्थगित बैठक को तीन माह बाद शारीरिक दूरी के साथ काशीराम सामुदायिक भवन में कराया गया। सबसे पहले लद्दाख में शहीदों को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद पिछली कार्यवाही की पुष्टि के बगैर सदन शुरू करने पर सभासदों ने विरोध जताया। इस दौरान सभी के सामने सचिव आरके प्रसाद ने एक अरब 64 करोड़ 17 लाख 70 हजार का बजट प्रस्तुत किया गया। इसमें सभासद रेनू पाठक व नमिता सिंह ने कहा कि किस सभासद के वार्ड में कितना काम है इसको भी बताया जाए। न बताने पर विरोध जताया। एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर एक ही वार्ड में काम देने का विरोध हुआ। वहीं सभासद संतोष मौर्य ने 25 करोड़ रुपये डीजल पर खर्च पर आपत्ति जताई और कहा कि इसके लिए ढाई करोड़ रुपये पर्याप्त है। नए सभासदों का परिचय न होने पर सभासद दीपक जायसवाल व विपिन सिंह ने आपत्ति जताई। बोर्ड के नामित सभासद रामकृष्ण नारायण ने कहा कि पालिका के लिपिक द्वारा उनकी कोई सुनवाई नहीं की। बैठक की न तो कोई तैयारी हैं न जानकारी इसको मजाक बनाकर रखा है। बैठक की कार्यवाई से संतुष्ट न होने पर सभासद दीपक जायसवाल, सतीश सिंह व कुछ अन्य सभासद बीच में ही चले गए। इससे बजट पर सभी सभासदों की सहमति नहीं बन सकी। इस मौके पर अलमास सिद्दीकी, संतोष मौर्या, मनीष सोनकर, हुस्न आरा मंसूरी, डा.हसीन बबलू, शरद टंडन, कृष्णा यादव आदि मौजूद थे।

