अध्यापक विद्यालयों में पढ़ाई का वातावरण तैयार करें : D.M

 

जौनपुर।  जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने जनसुनवाई कक्ष में समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में विद्यालयों में चल रहे कायाकल्प के कार्य, मिशन प्रेरणा में मानव सम्पदा की फीडिंग, यूनिफॉर्म वितरण, पुस्तक वितरण एवं खाद्यान्न वितरण की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से निर्देश देते हुए कहा कि अध्यापक विद्यालयों में पढ़ाई का वातावरण तैयार करें। 
जिलाधिकारी ने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि यूनिफार्म खरीद में कमीशनबाजी न करे अन्यथा किसी को बक्सा नही जायेगा। यूनिफार्म को स्वयं सहायता समूहो से सिलवाये। यदि किसी विद्यालय में यूनिफार्म का कपड़ा मानक के अनुरुप नही खरीदा गया तो इसके जिम्मेदार एबीएसए होगे तथा उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। ऐसे प्रवासी जो टेªलेरिंग का कार्य करते है उन्हे डेªस सिलाई कार्य से जोडे। विद्यालय के प्रांगण को मंदिर मानकर साफ-सफाई रखें। उन्होंने कहा कि 24 जून को वृक्षारोपड़ अभियान के तहत विद्यालयों में बाउंड्री के किनारे 15-15 फीट की दूरी पर पेड़ लगाने के निर्देश दिये गये थे, समस्त खण्ड विकास अधिकारी इस बात का प्रमाण-पत्र देंगे की सभी विद्यालयों में निर्देशानुसार वृक्षारोपण किया गया है तथा वह वृक्ष सुरक्षित है। जिलाधिकारी ने कायाकल्प के तहत किए जा रहे कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया और कहा कि 01 महीने के भीतर प्रत्येक दशा में कायाकल्प का कार्य खत्म हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है शिक्षामित्र उनके घर जाकर दो-दो गंज की दूरी पर गोला बना कर बैठा कर पढ़ाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गांव से वोलेंटियर्स तैयार किये जाय, जिनसे 5-5 बच्चों को ग्रुप बनाकर शिक्षण का कार्य कराया जाए। बीएसए को निर्देश दिया कि अच्छे कार्य करने वाले अध्यापकों की सूची बनाये। सभी विद्यालयों में ऐसे पूर्व छात्रों की सूची लगाये जो किसी न किसी पद पर कार्य कर रहे है। विद्यालयों में सकारात्मक कार्य करे, जिससे सकारात्मक सोच पैदा हो। विद्यालय के कार्यो में जनसहभागिता सुनिश्चित करे। जिलाधिकारी ने कहा कि अभिभावको को प्रोत्साहित करे की अपने बच्चों को घर पर पढाये। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अभी तक 34000 डेªस वितरित की जा चुकी है, कुल 3 लाख 94 हजार डेªस वितरित की जानी है। 95 प्रतिशत पुस्तके वितरित की जा चुकी है।

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  1. Doubtlessly the schools are temples.These are not like temples but the real temples pf goddess Sararaswati, the divine source of wisdom.....
    But before directing to the teachers, D.M. and all the other higher officials must remember that all the work-places are like temples for the people working there;so the ivth class employees should be left on leave in thid crucial period and its cleanliness and maintenance ought to be maintain the DMs and the higher officials in their office.
    As it's also a moral duty of a person that of he directs someone towards morality and responsibility he must also follow the same path before directing.....

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