विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. आदित्य मणि मिश्र की मौत का राज खोल सकता है आइफोन
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि के प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भैया शोध संस्थान में गणित के विभागाध्यक्ष असिस्टेंट प्रोफेसर डा. आदित्य मणि मिश्र की आत्महत्या ने हर किसी को उलझा दिया है। छानबीन में जुटी पुलिस को लगता है कि उनके आइफोन का लाक खुलने पर कुछ सुराग मिल सकता है। स्वजन भी मौत को गले लगाने का कारण समझ नहीं पा रहे हैं।
रायबरेली जिले के दरियापुर चौराहा (मुंशीगंज) निवासी अवकाश प्राप्त अध्यापक राम खेलावन मिश्रा के पुत्र डा. आदित्य मणि मिश्र का चयन गत वर्ष 30 दिसंबर को गणित विभाग में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर हुआ था। उनकी योग्यता को देखते हुए निवर्तमान कुलपति प्रोफेसर डा. राजाराम यादव ने उन्हें गणित का विभागाध्यक्ष बना दिया था। उन्होंने लाकडाउन के शुरुआती दौर में ही कुछ ऐसे शोध प्रस्तुत किए जिसमें गणित के आधार पर दर्शाया गया था कि कोरोना वायरस संक्रमण कब कितनी तेजी से बढ़ेगा और कब घटेगा। उनका यह शोध चर्चा का विषय बन गया था। डा. आदित्य मणि की शादी वर्ष 2005 में पड़़ोसी जिले प्रतापगढ़ के कुंडा के रसूखदार परिवार की मीनाक्षी के संग हुई थी। गौना सात साल बाद 2012 में आया था। उनकी एक दुधमुंही बेटी आख्या है। चर्चा है कि डा. आदित्य मणि मिश्रा पर ससुराल पक्ष के लोगों का काफी दबाव रहता था। इसके चलते वह अवसादग्रस्त थे। पिछले करीब तीन माह से वह घर नहीं गए थे। लाकडाउन के दौरान वह अपने आवास में अकेले ही रहते थे। उनके भांजे हिमांशु तिवारी ने बताया कि परिवार का उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था। उनकी पत्नी मीनाक्षी बेटी संग घर पर ससुरालीजन के साथ रह रही थी। घटना के बाद से उनके पिता राम खेलावन मिश्रा, मां सरोज मिश्रा, पत्नी मीनाक्षी व बहन रेखा मिश्रा सदमे की स्थिति में हैं। मामले की तहकीकात कर रहे सरायख्वाजा थाना प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार आर्य ने बताया कि डा. आदित्य मणि मिश्र के आइफोन का लाक अभी नहीं खुल सका है। उसके खुलने पर आत्महत्या से संबंधित अहम सुराग मिल सकते हैं।