जौनपुर समेत पूर्वाचंल के पांच बदमाशो ने लूटा था मुंबई का ‘एस कुमार गोल्ड एवं डायमंड शॉप’
एटीएफ ने प्रेस कांफ्रेंस में दिनदहाड़े हुई लूट की घटना का सीसीटीवी फुटेज भी दिखाया। एडीजी एसटीएफ ने बताया कि लूट में पांचों अभियुक्त शामिल थे। पूछताछ में पता चला है कि पांचों ने गत सात जनवरी को ज्वेलरी शॉप में लूट की घटना को अंजाम दिया और सारा सामान लेकर अलग-अलग रास्तों से होकर अपने-अपने घर पहुंच गए। बाद में इकट्ठा होकर सारे सामान का बंटवारा किया। कुछ सामान बेचकर उससे कैश प्राप्त किया और अपने-अपने घर चले गए।
बुधवार को वे लखनऊ में अगली डकैती की योजना बनाने के लिए इकट्ठा हुए थे और पकड़ लिए गए। बरामद रिवाल्वर के बारे में बताया कि यह पुलिस से लूटी हुई है, जिसे उन्हें गाजीपुर के राजू राय ने दिया था। गिरफ्तार अभियुक्तों को मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया है। वह उन्हें लेकर मुंबई जा रही है। घटना के विवेचक प्रमोद बड़ाख भी मुंबई की पुलिस टीम के साथ आए हुए थे। एटीएफ मुख्यालय के डीएसपी दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व में गठित टीम को यह सफलता मिली।
ये लोग पहले ज्वैलरी शॉप जाते थे और माहौल आंकते थे। फिर गार्ड व कर्मचारियों से दोस्ती की कोशिश करते थे। ताकि शॉप की सुरक्षा की पूरी जानकारी हासिल कर लें। इसके बाद सभी रास्तों की रेकी करते थे। घटना के बाद सभी अलग-अगल रास्तों से फरार हो जाते थे।
विनय ने बताया कि उसके गैंग में शैलेद्र, दिनेश, आजमगढ़ का संजीत, गाजीपुर का सोनू सिंह शामिल हैं। सभी ज्वैलरी शॉप लूटने की फिराक में थे, 7 जनवरी को मुंबई के मीरा रोड स्थित ज्वैलरी शॉप में लूट की। बाद में लूट का सारा माल बांट लिया था। रिवाल्वर के संबंध में उसने बताया कि ये गाजीपुर के राजू राय ने उसे दी थी।
पूछताछ में गाजीपुर के विनय कुमार सिंह ने बताया कि पिता की हत्या का बदला लेने क लिए वह 1991 में अपराधी बना। उसने उदयीराम पर जानलेवा हमला किया। इसके बाद 1994 में फिर हमला किया और इस बार उदयीराम की मौत हो गई। 1995 में उसने भरतराम नाम के शख्स पर जानलेवा हमला किया. 2001 में उसने गाजीपुर के सैदपुर में सहकारी बैक कर्मी से लूट की। फिर वाराणसी में जीवन बीमा के पैसे लूटे। इस घटना में शामिल एक और शख्स मनोज दुबे बाद में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया।