देशभक्ति का जज्बा संजोए 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भी कूद पड़े थे जयदेव जी
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जौनपुर। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय जयदेव जी की 24 वी स्मृति दिवस का आयोजन कोतवाली थाना अंतर्गत ढालगर टोला स्थित आवास पर उनके जेष्ठ पुत्र अशोक चक्रवर्ती एडवोकेट द्वारा किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सर्वप्रथम अवकाश प्राप्त जिला जज अजय कुमार श्रीवास्तव ने स्वर्गीय जयदेव जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया तत्पश्चात देश की आजादी में अपने प्राणों की आहुति दे चुके समस्त वीर सपूतों को नमन किया गया। देश को आजादी दिलाने में उनके द्वारा किए गए अथक प्रयास पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अपने स्वर्गीय दादा जी को नमन करते हुए अमरेंद्र चक्रवर्ती एवं समरेंद्र चक्रवर्ती के बाद शुभचिंतकों तथा अन्य लोगों के द्वारा भी बढ़-चढ़कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया ।
जनपद की माटी में 03 दिसम्बर 1903 को जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानी जयदेव जी छात्र जीवन से ही सक्रिय राजनीति में आ गए थे। आजादी खातिर दिल में देशभक्ति का जोश और जज्बा संजोए वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भी कूद पड़े थे । ब्रिटिश सरकार ने उन्हें 16 वर्ष की जेल की सजा भी दी थी एक अन्य मामले में 14 वर्ष की सजा अंडमान सेंट्रल जेल की हुई थी इसके बाद काला पानी भेज दिए गए थे। आजादी के काफी दिनों बाद इन्हें छोड़ा गया। देश में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले इस क्रांतिकारी सपूत ने अपनी सरकार में कोई भी पद लेने से मना कर दिया था। ग़ुलाम भारत में जन्म लेकर आजादी के सपनों को साकार कर 95 वर्ष की आयु में 18 जनवरी 1998 के दिन देश को अलविदा तथा अपनों को जुदा कर चले स्वर्गीय जयदेव जनपद जौनपुर के उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में से एक थे जिन्हें स्वतंत्रता की 25 वीं वर्षगांठ पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी के हाथों ताम पत्रभेंट करके सम्मानित किया गया था जिस कारण प्रदेश के साथ-साथ जनपद का नाम रोशन हुआ था। इस अवसर पर एडवोकेट विकास कुमार श्रीवास्तव फिंगर स्पेशलिस्ट, एडवोकेट संजीव कुमार नागर, एडवोकेट अरुण कुमार यादव, एडवोकेट राज सेठ, एडवोकेट विजय कुमार, एडवोकेट प्रमोद कुमार इत्यादि लोग उपस्थित रहे।