तकनीकी शिक्षा समय की मांग : राकेश सिंह
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जौनपुर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जौनपुर में अध्ययनरत छात्रों को तकनीकी दक्षता प्रदान करने के उद्देश से आई.सी.टी. प्रशिक्षण कराया गया। डायट प्राचार्य राकेश सिंह ने कहा कि तकनीकी शिक्षा समय की मांग है इसी लिए ऐसे प्रशिक्षणों की आवयश्कता है। सन्दर्भदाता शिवम सिंह ने छात्रों को समय प्रबंधन में तकनीक के महत्व को बताया और इन्हें स्मार्टवर्क के कई तरीके बताए। शिक्षक ज्ञानेश्वर प्रजापति ने छात्रों को गूगल के बेहतर उपयोग के कई विधाओं से अवगत कराया। आधुनिक शिक्षा में सामान्य तौर पर व्यावसायिक, तकनीकी शिक्षा और स्किल्स डेवलपेंट शिक्षा आदि को शामिल किया जो माध्यमिक शिक्षा के बाद दी जाने लगी। इस प्रकार की शिक्षा यूनिवर्सिटीज, वोकेशनल कॉलेजेस और टेक्निकल इंस्टीट्यूट जैसी संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने लगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सभी शिक्षकों एवं बच्चों में डिजिटल लर्निंग गैप को कम करने एवं डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात कही गयी है। यही वजह है कि आज प्राथमिक स्कूलों में भी स्मार्ट क्लासेस चल रही हैं और ज्यादा से ज्यादा आईसीटी (इंफॉर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी) संसाधनों का उपयोग भी बढ़ा। इसका मुख्य कारण यह भी है कि आज के बच्चों का मानसिक विकास पूर्व के समय की तुलना में तेजी से हो रहा है। डिजिटल कंटेन्ट से बच्चे आकर्षित होते हैं। इसीलिये आज शिक्षा के क्षेत्र में सभी शैक्षणिक संस्थाएं आईसीटी के संसाधन का प्रयोग कर रही है। हों भी क्यों न ! बच्चों के लर्निंग आउटकम में एक बेहतर और सार्थक परिणाम भी तो देखने को मिल रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी वर्गों के बच्चों के लिये दीक्षा, स्विफ्ट चैट, रीड अलोंग आदि एप उपलब्ध कराये गए हैं जो पूर्णतया निशुल्क हैं। समय समय पर एनसीईआरटी / एससीईआरटी द्वारा बच्चों एवं शिक्षकों के लिये निःशुल्क डिजिटल शिक्षा ऑनलाइन उपलब्ध करायी जाती है और साथ ही ई-सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराया जाता है। शिक्षकों की आईसीटी प्रतियोगिता कराने से जहां एक ओर शिक्षकों में तार्किक क्षमता बढ़ती है, वहीं दूसरी ओर उनके डिजिटल ज्ञान में वृद्धि भी होती है जिसका फायदा कक्षा में बच्चों को प्राप्त होता है। निश्चित तौर पर इस तरह की गतिविधियों के सम्मिलित होने से जहां एक ओर शिक्षकों में डिजिटल लर्निंग गैप कम हो रहा है वहीं दूसरी ओर बच्चे के तकनीकी ज्ञान के साथ साथ उनके व्यावसायिक कौशल में भी वृद्धि हो रही है। आगे चलकर यही ग्रामीण परिवेश के बच्चे अन्य बच्चों की तरह शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ने में सशक्त होंगे। यही बेसिक शिक्षा में आईसीटी का सबसे महत्वपूर्ण महत्व है।