आफत बनी दोपहरी की छुट्टी, झुलस रहे नौनिहाल
पिछले एक सप्ताह से अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर जा रहा है। सुबह दस बजे के बाद से ही गर्म हवाओं का चलना शुरू हो जा रहा है।बारह बजे के करीब तेज लू और चिलचिलाती धूप से सभी बेहाल हो जा रहे हैं। बच्चों को सुबह स्कूल जाने में तो दिक्कत नहीं हो रही है लेकिन दोपहर में हो रही छुट्टी से स्कूली बच्चे बेहाल हो रहे हैं। ऐसे विद्यालय जो दो या तीन मंजिलें हैं उनके भूतल पर तो गर्मी का असर कुछ कम है लेकिन ऊपरी मंजिल पर तो पंखों से निकलने वाली गर्म हवाओं से बच्चों के चेहरे सूख जा रहें हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में परिषदीय विद्यालयों में पंखे लगे हैं लेकिन दिन में बिजली कटौती से वे पूरे स्कूल टाइम में चल नहीं पा रहें हैं। निजी विद्यालयों में इन्वर्टर और जनरेटर की मदद से पंखे और कूलर चल जा रहे हैं जिससे इन स्कूलों के बच्चों को कुछ सीमा तक राहत मिल जा रही है।भीषण गर्मी से स्कूली बच्चों को बचाने के लिए जिलाधिकारी डॉ० दिनेश चंद्र की अनुमति से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ० गोरखनाथ पटेल ने कक्षा 8 तक के समस्त बोर्डों के विद्यालयों का समय बीते 19 अप्रैल से अग्रिम आदेश तक सुबह 7 बजकर 30 मिनट से अपराह्न 12 बजकर 30 मिनट तक कर दिया था लेकिन भीषण गर्मी और लू से बच्चों को बचाने में यह समय सारिणी नाकाफी साबित हो रही है।खड़ी दोपहरी में छुट्टी होने पर पसीने से तरबतर होकर बच्चे स्कूल से घर पहुंच रहे हैं। स्कूल की इस समय सारिणी से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बच्चों की तबीयत बिगड़ने के डर से लोग बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं। अभिभावकों की मांग है कि छुट्टी का समय सुबह 11 बजे तक कर दिया जाये जिससे बच्चे भीषण गर्मी और लू से बच सकें।