इकॉनामिक रिफॉर्म की दिशा में 'वन नेशन वन इलेक्शन' बड़ा कदम है : सीमा द्विवेदी

 एक देश एक चुनाव सिर्फ चर्चा का विषय नहीं, बल्कि भारत की जरूरत : कौशलेन्द्र पटेल

भारत मे चुनाव प्रत्येक वर्ष होते हैं जिसके परिणाम स्वरूप भारी सरकारी व्यय होता : पुष्पराज सिंह



जौनपुर: वन नेशन वन इलेक्शन' पर आज जौनपुर मे चार जगह बैठक हुई पहली बैठक मुंगराबादशाहपुर मे जिला पंचायत सदस्य आलोक सिंह के अध्यक्षता मे बैठक हुई जिसके मुख्य अतिथि अजय शंकर दुबे रहे। उन्होंने बैठक को सम्बोधित करते हुये हुआ कि 

भारत में राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव हों सरकार ने 17 दिसंबर 2024 को संघ राज्य क्षेत्र विधि विधेयक 2024' लोकसभा में पेश किया 269 ​​सांसदों ने इसके पक्ष में वोटिंग की 198 सांसदों ने इस बिल के विरोध में वोट डाला विपक्ष के हंगामे के बाद इस बिल को फिलहाल JPC में भेजा गया है। वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2023 को कमेटी बनाई गई कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। 


शाहगंज मे मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य कौशलेन्द्र सिंह पटेल रहे उन्होने उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2020 में पहली बार 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर बात की थी "एक देश एक चुनाव सिर्फ चर्चा का विषय नहीं, बल्कि भारत की जरूरत है हर कुछ महीने में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे हैं इससे विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ता है पूरे देश की विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ होते हैं तो इससे चुनाव पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। 17 दिसंबर 2024 को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन के लिए 129वां संविधान संशोधन बिल पेश किया गया लेकिन इस बिल को विपक्ष के हंगामे के बाद JPC में भेजा गया है। 'वन नेशन वन इलेक्शन' भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे बड़ी तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बहुत जरूरी है।


मल्हनी विधानसभा मे गुलाबी देवी महाविद्यालय मे मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थित राज्य सभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा कि इकॉनामिक रिफॉर्म की दिशा में 'वन नेशन वन इलेक्शन' बड़ा कदम है इसके फायदे आगे जाकर मिलेंगे इकॉनमिक रिफॉर्म्स के नजरिए से देखें, तो जब इलेक्शन 5 साल में एक बार होने लगेंगे, तो सरकारों को आर्थिक सुधार के लिए ज्यादा वक्त मिलेगा इसलिए अगर केंद्र और राज्य सरकारों के चुनाव एक साथ कराए जाते हैं, तो हमें उसका बड़ा रिटर्न मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इलेक्टोरल रिफॉर्म की पहल भी कर दी है. पार्लियामेंट में बिल भी पेश किया जा चुका है वन नेशन वन इलेक्शन फिलहाल JPC में है अभी जितने इलेक्शन हो रहे हैं, उन्हें मिला दिया जाए और इलेक्शन प्रोसेस में बदलाव लाया जाए तो चुनावी खर्चों, राजकोषीय घाटे, शासन के ढांचे पर इसका सीधा असर पड़ेगा आगे जाकर ये असर फायदेमंद साबित होगा।


बदलापुर विधानसभा मे जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह के अध्यक्षता मे बैठक हुई जिसके मुख़्य अतिथि खेल और युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद यादव रहे उन्होंने कहा कि सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाकर पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाये दूसरे फेज में 100 दिनों के अंदर निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं हंग असेंबली, नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।


विधायक रमेश मिश्र ने कहा कि इलेक्शन कमीशन लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों की सलाह से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार कर सकता है कोविंद पैनल ने एकसाथ चुनाव कराने के लिए डिवाइसों, मैन पावर और सिक्योरिटी फोर्स की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है।

जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने कहा कि भारत में, राज्य विधानसभाओं और संसद के सदस्यों के चुनाव के लिए आम चुनाव अलग-अलग आयोजित किए जाते हैं, जब मौजूदा सरकार का कार्यकाल समाप्त हो जाता है या किसी कारण से भंग हो जाती है। भारत में 1951-52 से 1967 तक राज्य विधानसभाओं और लोक सभा के लिए चुनाव एक साथ होते थे। यह चक्र टूट गया और वर्तमान में चुनाव हर वर्ष और कभी-कभी एक वर्ष के भीतर अलग-अलग समय पर होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप भारी सरकारी व्यय होता है, चुनावों में लगे सुरक्षा बलों और निर्वाचन अधिकारियों को लंबे समय तक अपने प्राथमिक कर्तव्यों से विमुख होना पड़ता है, आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है।

उक्त अवसर पर सुशील मिश्र सुधाकर उपाध्याय शनी सिंह दिलीप शर्मा बेचन सिंह प्रदीप जायसवाल गीता जायसवाल चंदन शर्मा प्रबुद्ध दुबे रागिनी सिंह मेनका सिंह राखी सिंह महेंद्र बिंद मुकेश पटेल चंद्रेश गुप्ता संतोष गुप्ता संदीप सिंह दिवाकर सिंह सर्वेश तिवारी महेंद्र तिवारी चंद्रेश विश्वकर्मा नेहा पटेल अखिल यादव आदि उपस्थित रहे।

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