समय की मांग है कि भावी पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति सचेत किया जाए: डॉ. मायानंद उपाध्याय
राजा श्रीकृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पर्यावरण शिक्षा पर कार्यशाला आयोजित
छात्रों में जागरूकता और संरक्षण की भावना जगाने पर दिया गया जोर
कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. नीता सिंह ने की। उन्होंने कहा कि “पर्यावरण संरक्षण सिर्फ एक विषय नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक आवश्यक शर्त बन चुकी है।”
मुख्य अतिथि डॉ. मायानंद उपाध्याय ने पर्यावरणीय शिक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह समय की मांग है कि भावी पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति सचेत किया जाए, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित और सतत हो सके।”
बीएड विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता गुप्ता ने भी अपने वक्तव्य में कहा कि लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए शिक्षा ही सबसे सशक्त माध्यम है।
इस अवसर पर डॉ. अतुल श्रीवास्तव, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. लाल साहब, और बीएड विभाग के डॉ. निशीथ सिंह ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और विद्यार्थियों से अपील की कि वे प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें और संरक्षण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं।
कार्यशाला में महाविद्यालय के अनेक प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. चंद्राम्बुज कश्यप ने किया और अंत में सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यशाला ने उपस्थित जनसमूह में पर्यावरण के प्रति एक नई चेतना और उत्तरदायित्व की भावना को प्रबल किया।
यदि चाहें तो इसका प्रेस विज्ञप्ति फॉर्मेट या ग्राफिक रूप भी तैयार किया जा सकता है।