पेंशनर्स का फूटा आक्रोश, 15 जुलाई को कलेक्ट्रेट घेराव का ऐलान
सरकार की बेरुखी से नाराज़ सेवानिवृत्त कर्मचारी, पुरानी पेंशन बहाली सहित कई मांगों को लेकर करेंगे आंदोलन
जौनपुर। केंद्र और राज्य सरकार की उपेक्षा से नाराज़ पेंशनर्स अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। पेंशनर्स एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ की एक अहम बैठक सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में हुई, जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सी.बी. सिंह ने की। बैठक में एकजुट होकर पेंशनर्स ने 15 जुलाई को कलेक्ट्रेट परिसर में जबरदस्त धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया।सी.बी. सिंह ने बताया कि वित्त विधेयक 2025 में पेंशनरों के हितों को नजरअंदाज किया गया है। पहले ही ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन न केंद्र ने सुध ली और न प्रदेश सरकार ने कोई कदम उठाया। अब सब्र टूट चुका है। 15 जुलाई को जिले भर के पेंशनर्स एकत्र होकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे, और जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को मांगों से संबंधित अनुस्मारक ज्ञापन भेजा जाएगा।
बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के संरक्षक राकेश श्रीवास्तव ने भी सरकार को घेरा। उन्होंने आठवें वेतन आयोग के गठन में पेंशनर्स के टर्म्स ऑफ रेफरेंस स्पष्ट करने की मांग की। उनका कहना था कि यदि फाइनेंशियल बिल 2025 के प्रावधान लागू हुए, तो पेंशनर्स का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।
प्रमुख मांगे:
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली
- पेंशनर को मंहगाई भत्ता सहित राहत
- पेंशन राशिकरण की वसूली 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष करना
- वेतन आयोग पर स्पष्ट गजट अधिसूचना जारी करना
- कार्यरत कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना खत्म कर OPS लागू करना
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पेंशनर्स अब चुप नहीं बैठेंगे। जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। सभी ने 15 जुलाई को जनसैलाब बनाकर कलेक्ट्रेट पहुंचने का आह्वान किया।
बैठक में राजबली यादव, डी.के. सिंह, कंचन सिंह, वी.वी. सिंह, ओंकार मिश्र, पी.के. सिंह, कृष्ण कुमार तिवारी समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। संचालन कृपाशंकर उपाध्याय ने किया। अध्यक्ष सी.बी. सिंह ने सभी से धरने में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर आंदोलन को ताकत देने की अपील की।