"ज़ेब्रा फाउंडेशन की पहल: वनवासी मेधावी छात्रों को मिलेगा 'आदिवासी वीरों' के नाम पर छात्रवृत्ति"
जौनपुर। सामाजिक जागरूकता एवं शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय ज़ेब्रा फाउंडेशन ट्रस्ट ने एक प्रेरणादायक कदम उठाते हुए रविवार को वनवासी (मुसहर) समाज के प्रतिभाशाली छात्रों के लिए "ज़ेब्रा वनवासी मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा" का सफल आयोजन किया। यह परीक्षा जौनपुर के सी.एम.एम. इंग्लिश स्कूल, रशीदाबाद में संपन्न हुई, जिसकी गरिमामय उपस्थिति में भारतीय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष व पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह भी मौजूद रहे।
इस विशेष प्रतियोगी परीक्षा में जौनपुर, वाराणसी और आज़मगढ़ जिलों से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट स्तर के कुल 171 छात्रों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 137 (82 छात्र एवं 55 छात्राएं) ने परीक्षा में प्रतिभाग किया। यह आयोजन न केवल एक शैक्षिक कार्यक्रम था, बल्कि वंचित समुदाय के बच्चों के आत्मविश्वास को संबल देने की दिशा में एक सशक्त प्रयास भी था।
परीक्षा का संचालन मिशन बिरसा मुंडा सेवा समिति - आज़मगढ़ के कमलेश पासवान, मुसाफिर बनवासी, अभय कुमार बनवासी, जितेंद्र कुमार, गोविंद जी एवं चंदन कुमार की निगरानी में शुचितापूर्वक सम्पन्न हुआ।
ज़ेब्रा फाउंडेशन के अध्यक्ष संजय कुमार सेठ ने जानकारी दी कि तीनों जिलों से चयनित शीर्ष 10-10 मेधावी छात्रों को स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान देने वाले आदिवासी महापुरुषों के नाम पर छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इस पहल के ज़रिए न केवल शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि वीर आदिवासी नायकों की स्मृति को भी चिरस्थायी किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में मो. तौफीक, शाकम्भरी नन्दन, नीरज शाह, अमरनाथ सेठ, आशीष वाधवा और रवि विश्वकर्मा समेत कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लेकर आयोजन को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
यह आयोजन सामाजिक समरसता, शिक्षा और आदिवासी समाज के उत्थान की दिशा में एक मिसाल बनकर सामने आया है।