बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा प्रदान करें : शंकराचार्य नारायणानंद तीर्थ
जौनपुर । श्री जगतगुरु शंकराचार्य पूज्य स्वामी नारायणनंद तीर्थ महाराज ने बुधवार को कहा कि "प्रत्येक माता-पिता का नैतिक दायित्व है कि वे अपने बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान करें। यही शिक्षा राष्ट्र और विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है।"
श्री जगतगुरु शंकराचार्य पूज्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज ने बुधवार को पट्टी जमालापुर में स्व. राजकुमार सिंह स्मृति द्वार के उद्घाटन अवसर पर कहा कि स्व. राजकुमार सिंह का व्यक्तित्व व कृतित्व और उनके उत्तम संस्कार ही हैं, जिनकी याद में आज समाज के सभी वर्ग एक साथ एकत्र होकर हजारों की संख्या में उत्सव के रूप में स्मृति द्वार का लोकार्पण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर ऐसे आयोजनों से समाज में एकता और सद्भाव का संदेश प्रसारित होता है।
महाराज जी ने कहा कि मनुष्य तन परमात्मा की सर्वोत्तम कृति है। यदि जीवन में शांति स्थापित हो जाएगी तो सुख और निरोगी काया अपने आप मिल जाएगी। शांति ही अच्छे संस्कारों की जननी है। उन्होंने कुसंगति और दूषित वातावरण से दूर रहने की सलाह दी। उनके अनुसार, कुसंगति से मन अशांत होता है और अशांति ही संघर्ष व विकारों का कारण बनती है। शंकराचार्य जी ने कहा कि प्रत्येक नर-नारी को सत्संग में अवश्य भाग लेना चाहिए, क्योंकि सत्संग ही मानव जीवन से सभी विकारों को दूर कर शांति स्थापित करता है।
इस अवसर पर विधायक डॉ. आर.के. पटेल, पूर्व विधायक लीना तिवारी, पूर्व विधायक श्रद्धा यादव, चंद्रप्रकाश सिंह, डॉ. चंद्रेश सिंह, अशोक सिंह, उधम सिंह समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे। आगंतुकों का स्वागत शिवराम सिंह ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आलोक सिंह एवं डॉ. आनंद सिंह ने किया।