जमीन कब्जे के मामले में बिफरीं डॉ. पल्लवी पटेल, अधिकारियों की लगाई क्लास – पीड़ितों को न्याय दिलाने का दिया भरोसा
विधायक डॉ. पटेल जगदीश सिंह पटेल के आवास पर पहुँचीं, जहाँ चार दिन पहले हुई घटना में दबंगों ने जमीन कब्जाने के प्रयास में पटेल परिवार पर हमला कर दिया था। इस दौरान परिवार के बेटे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। विधायक ने स्वयं तहरीर की कॉपी पढ़ी और पीड़ितों से कहा कि न्याय हर हाल में दिलाया जाएगा।
घटना की जानकारी मिलने पर पल्लवी पटेल ने एसपी डॉ. कौस्तुभ को फोन लगाया। फोन पीआरओ ने उठाया और मीटिंग का हवाला दिया। इस पर विधायक ने सख्त लहजे में कहा— “उनकी ड्यूटी है कि मेरा कॉल अटेंड करें। पाँच मिनट में कॉल बैक नहीं आया तो मैं अपने समर्थकों के साथ एसपी ऑफिस पहुँच जाऊँगी।” इसके बाद एसपी ने फोन कर पीड़ितों की समस्या सुनी और निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिया।
एसडीएम सदर संतवीर सिंह से भी विधायक ने सीधा सवाल किया कि पाँच दिन बाद भी मौका मुआयना क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा— “जिसका सर फटा है वो इलाज करा रहा है और तहसीलदार अब तक कागज माँगने में लगे हैं। विपक्षी पक्ष की रिपोर्ट क्यों नहीं ली गई? आप मानकर क्यों चल रहे हैं कि जमीन उनकी है? आपकी लापरवाही से पीड़ित दर-दर भटक रहे हैं।”
पीड़ित परिवार से मिलने के दौरान जब लाइन बाजार थाना प्रभारी सतीश सिंह बिना कैप के पहुँचे तो पल्लवी पटेल भड़क गईं। उन्होंने कहा कि यह प्रोटोकॉल के खिलाफ है। इसके बाद इंस्पेक्टर ने तत्काल अपने स्टाफ से कैप मंगवाकर पहना।
पीड़ित राजीव रंजन सिंह ने तहरीर में आरोप लगाया कि 16 सितम्बर को सुबह 9 बजे दबंग सत्यम सिंह और कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी जमीन कब्जाने की कोशिश की। विरोध करने पर पूरे परिवार को गालियाँ दी गईं और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा गया। भाई शशी रंजन सिंह और रिशीरंजन सिंह घायल हो गए, जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। महिलाओं और बच्चों पर भी ईंट-पत्थर बरसाए गए तथा जान से मारने की धमकी दी गई।
जगदीशपट्टी में हुई इस घटना पर विधायक ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएँगी। उन्होंने साफ कहा कि “जमीन-जायदाद के मामलों में दबंगई बर्दाश्त नहीं की जाएगी, कानून सबके लिए बराबर है।”