शिक्षा और संस्कार पर मंथन, प्रशिक्षुओं ने साझा किए अनुभव

जौनपुर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) जौनपुर में शनिवार को डी.एल.एड./बी.टी.सी. पुरातन प्रशिक्षु सम्मेलन 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस सम्मेलन ने न केवल पुराने प्रशिक्षुओं को आपस में जोड़ने का काम किया, बल्कि शिक्षा जगत में नई ऊर्जा और दिशा देने का संकल्प भी जगाया।

कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुई। तत्पश्चात उप शिक्षा निदेशक एवं प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि “शिक्षा केवल पुस्तक तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है।” उन्होंने पुराने प्रशिक्षुओं का स्वागत करते हुए सम्मेलन को अनुभव और ज्ञान साझा करने का एक अनूठा अवसर बताया।

प्रवक्ता डॉ. किरन त्रिपाठी ने प्रशिक्षुओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा जगत में उनका प्रयास समाज को नई दिशा देता है। वहीं प्रवक्ता नीरज मणि तिवारी ने कहा कि ऐसे सम्मेलन न केवल पुरानी यादों को ताज़ा करते हैं, बल्कि शिक्षा की दुनिया में नई ऊर्जा का संचार भी करते हैं।

कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता धर्मेन्द्र कुमार शर्मा ने किया। इस दौरान भावनात्मक मिलन का दृश्य देखने को मिला, जब वर्षों बाद प्रशिक्षु आपस में मिले और अपने अनुभव साझा किए।

पुरातन प्रशिक्षु डॉ. संतोष तिवारी ने अपने संबोधन में कहा – “कोशिश कर हल निकलेगा, आज नहीं तो कल निकलेगा।” उन्होंने डायट में बिताए 25 वर्षों के अनुभव साझा किए और नई पीढ़ी के प्रशिक्षुओं को मार्गदर्शन दिया।

इस अवसर पर पुरातन प्रशिक्षु डॉ. संतोष कुमार तिवारी, विनय कुमार यादव, अखिलेश उपाध्याय, सुनील कुमार सिंह, दीपा मिश्रा, डॉ. विनोद कुमार पाल और प्रवक्ता डॉ. अश्वनी पांडे ने अपने विचार व्यक्त किए।

सम्मेलन में प्राचार्य डॉ. रवींद्र नाथ यादव, समस्त प्रवक्ता, ह्यूमाना संस्था के सदस्य तथा वर्तमान प्रशिक्षु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


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