जौनपुर मेडिकल कॉलेज को मिली पहली देह: सेंगर दंपति ने 15 साल में पूरा किया संकल्प, कानपुर से लाकर किया समर्पित
309वीं देहदान कराते हुए देहदानी संतोष सिंह कुशवाहा को दी गई अंतिम श्रद्धांजलि
जौनपुर। जौनपुर मेडिकल कॉलेज के इतिहास में आज एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया। युग दधीचि देहदान अभियान के प्रणेता मनोज सेंगर एवं माधवी सेंगर ने अपना वादा निभाते हुए कानपुर से पहली पार्थिव देह लाकर मेडिकल कॉलेज को अध्ययन हेतु समर्पित की।सेंगर दंपति ने बताया कि जे- ब्लॉक गोविंद नगर, कानपुर निवासी 70 वर्षीय कारोबारी संतोष सिंह कुशवाहा ने अगस्त 2010 में देहदान संकल्प किया था। बीती रात 1 बजे हृदयरोग संस्थान में उनके निधन के बाद पुत्र आकाश सिंह ने रात 2 बजे इस संकल्प को पूरा करने हेतु मनोज सेंगर को सूचना दी। इसके बाद अभियान महासचिव माधवी सेंगर ने देह को जौनपुर ले जाने का निर्णय लिया।
रात में ही कागजी कार्यवाही पूरी कर सुबह साढ़े 9 बजे कानपुर से शव यात्रा प्रारंभ हुई और शाम 4 बजे जौनपुर मेडिकल कॉलेज पहुँची। यहां एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. भारती यादव, पूर्व प्राचार्या डॉ. रुचिरा सेठी, डॉ. अर्चना चौधरी, डॉ. प्रियंका सिंह तथा छात्रों की उपस्थिति में पार्थिव देह को श्रद्धांजलि एवं पूर्ण सम्मान के साथ स्वीकार किया गया।
मनोज सेंगर ने कहा कि “प्राचार्य डॉ. आर.बी. कमल के अथक प्रयासों के चलते यह पहला देहदान मेडिकल कॉलेज को प्राप्त हो सका है।” उन्होंने बताया कि यह देहदान अभियान के अंतर्गत 309वां देहदान है।
कानपुर से रवाना होते समय दिवंगत संतोष सिंह की पत्नी कमलादेवी, पुत्र आकाश सिंह, पुत्रवधू निधि सिंह, तथा पुत्रियों गुंजन व रुचि सिंह सहित परिजनों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आरती व पुष्पांजलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी।
सामाजिक व्यक्तित्व के धनी रहे स्व. संतोष सिंह कुशवाहा ने जीवन भर समाज सेवा की और अब अपनी पार्थिव देह को दान कर एक प्रेरक मिसाल पेश कर गए।
15 साल बाद उनका संकल्प पूरा हुआ, जिसे पूरा करते हुए सेंगर दंपति ने कहा—“हमने न सिर्फ संतोष सिंह का वादा पूरा किया, बल्कि 18 नवंबर को प्राचार्य महोदय से किया अपना वचन भी निभाया।”

