ठगी का मायाजाल.. बेरोजगार हो रहे कंगाल... पुलिसिया जांच की 'कछुआ' जैसी चाल

 प्रमोद जायसवाल

जौनपुर। नगर में एमएस अर्थ नामक कंपनी बेरोजगारों को ठगने का मायाजाल फैलाये है। पढ़ लिखकर काम की तलाश में भटक रहे नौजवान आसानी से इसकी गिरफ्त में आ जा रहे हैं। कंपनी के संचालक इतने शातिर हैं कि ज्यादातर गैर जनपद के बेरोजगारों को अपने जाल में फंसाते हैं। ठगी के शिकार हंगामा न करें इसलिए स्थानीय 

युवाओं से दूरी बनाए रखते हैं। अपने कुकर्म पर पर्दा डालने के लिए 'सरकारी पहरेदारों' को भी पटाये हुए हैं। यही कारण है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी जालसाजों के ऊपर कार्रवाई नहीं हो रही है। एक माह पूर्व डेढ़ दर्जन बेरोजगार युवकों ने कंपनी के विरुद्ध खुद को ठगने का मुकदमा दर्ज कराया था। इधर ठगी के शिकार दो और युवक सामने आए हैं। इनकी तहरीर पर लाइन बाजार थाना पुलिस ने छह आरोपितों के विरुद्ध फिर मुकदमा दर्ज कर लिया है। विभिन्न जिलों के अब तक 20 पीड़ित प्रकाश में आ चुके हैं।

लाइन बाजार थाना क्षेत्र के लखनपुर चौराहा पर एमएस अर्थ एसोसिएट का कार्यालय है। बताते हैं कि यह आरएचआइ प्राइवेट नेटवर्किंग कंपनी की फ्रेंचाइजी है। गोरखपुर जिले के दो युवाओं ने सोमवार को थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि आरएचआइ कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे गत अप्रैल में फार्म व रजिस्ट्रेशन नाम पर एक-एक हजार, आवास व भोजन के लिए 25-25 हजार रुपये लेकर फर्जी इंटरव्यू कराया।

इसके बाद ट्रेनिंग के लिए सेमिनार में भेजकर चार लोगों को जोड़ने वाला नेटवर्किंग का काम बता दिया। चार लोगों को ज्वाइन कराने पर 25 हजार से एक लाख तक प्रोत्साहन राशि देने की बात कही। इससे पूर्व 26 नवंबर को भी एमएस अर्थ एसोसिएट के संचालकों के विरुद्ध लाइन बाजार थाना में मऊ, गोरखपुर, आजमगढ़ जिले के 18 पीड़ितों की तहरीर भी मुकदमा दर्ज हुआ था। पीड़ितों ने 15 हजार रुपये मासिक वेतन की नौकरी का झांसा देकर प्रत्येक से 27-27 हजार रुपये लेकर हड़प लेने का आरोप लगाया था। पुलिस को इस मामले में कई शिकायते मिली मगर ठंडे बस्ते में डाल दिया।  एक माह पूर्व पुलिस ने एक मुकदमा दर्ज किया परंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ितों को टरकाने के लिए एक और मुकदमा दर्ज कर लिया।

नगर में ऐसे डेढ़ दर्जन हैं ठगी के सेंटर 

बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर केवल एमएस एसोसिएट ही नहीं ठगने में लगा है बल्कि नगर में दर्जन भर सेंटर संचालित हैं। सभी लाइन बाजार थाना क्षेत्र में सिपाह के इर्द गिर्द ही अपना ट्रेनिंग सेंटर बनाए हुए हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद भले इनकी करतूत अब उजागर हुई है मगर ये सभी सेंटर करीब दो साल से युवाओं को चूना लगा रहे हैं। इस समय पंद्रह से बीस हजार बेरोजगार इनके चंगुल में हैं। 

जालसाज ऐसे बुनते हैं ठगी का जाल

सिपाह क्षेत्र में जगह जगह खुले सेंटर बेरोजगारों को मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर ट्रेनिंग के नाम पर पच्चीस से तीस हजार लेते हैं, फिर उनसे दो तीन और युवाओं को नेटवर्क में जोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसा करने पर उन्हें आधा पैसा वापस कर देते हैं। आधा पैसा वापस पाने की लालच में वह दो तीन और बेरोजगारों को नेटवर्क में फंसाता है। जालसाजों का मायाजाल समझ में आने के बाद आधा पैसा निकल जाने पर ज्यादातर युवक छोड़ कर चले जाते हैं। बाहरी होने के कारण ज्यादा हो हल्ला नहीं करते और जो नौकरी के लिए अड़ जाते हैं वह थाने पर जाकर मुकदमा दर्ज कराते हैं।

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