मातृ शक्ति के बिना भारत का समग्र विकास अधूरा
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विद्या भारती ने सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम का किया आयोजन
जौनपुर। सरस्वती विद्या मन्दिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बारी नाथ में गुरुवार को विद्या भारती द्वारा सप्त शक्ति संगम द्वारा मातृ शक्ति वन्दन, नारी की गरिमा व शक्ति, ज्ञान की ज्योति और संस्कृति व संस्कारों की पवित्र धारा विषय पर कार्यक्रम किया गया। शिक्षा, कला, पत्रकारिता व सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय 5 महिलाओं को उत्कृष्ट कार्य के लिये अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. सीमा सिंह (परामर्शदाता जिला महिला चिकित्सालय), उर्वशी सिंह (अधिवक्ता/अतुल्य वेलफेयर ट्रस्ट), डॉ. वंदना सरकार (प्रधानाध्यापक) व डॉ. ज्योति सिंह ने वाग्ग देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुये प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। इसके बाद विद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। छात्राओं ने रानी लक्ष्मी, रानी अहिल्याबाई आदि विभूतियों का रूप धर नारी शक्ति पर प्रखर विचार प्रस्तुत किया जिस पर उन्हें खूब वाहवाही मिली।
मुख्य अतिथि ने भारत के विकास में मातृशक्ति के योगदान विषय पर कहा कि भारत के विकास की नींव मातृ शक्ति के अद्वितीय योगदान पर टिकी है। नारी केवल परिवार की आधारशिला ही नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और राष्ट्र निर्माण की सशक्त प्रेरक भी रही है।
डॉ. उर्वशी सिंह ने कहा कि मातृ शक्ति के बिना भारत का समग्र विकास अधूरा है। जब नारी सशक्त होती है, तब समाज समृद्ध होता है और राष्ट्र प्रगति की नई ऊँचाइयों को छूता है, इसलिए मातृ शक्ति का सम्मान, सशक्तिकरण और समान अवसर ही विकसित भारत की कुंजी है। विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में योगदान को लेकर मातृ शक्तिया प्रीति गुप्ता, वंदना यादव, साधना खरवार, पुष्पांजलि साहू व पत्रकारिता क्षेत्र में रजनी सोनी को सम्मानित किया गया। मंचासिन संकुल प्रमुख कल्पना सिंह ने समाज में महिलाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन आचार्या वंदना अस्थाना ने किया। प्रधानाचार्य गणेश दत्त उपाध्याय ने समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुये आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालक साधना दूबे एवं अरूसी मौर्या ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर आरती प्रजापति, सोनी निषाद, अंजली मौर्या, शालिनी श्रीवास्तव, रचना सोनकर आदि उपस्थित रहीं।

