राजीव दीक्षित स्वदेशी आन्दोलन के प्रमुख चेहरा थे: कमलेश
https://www.shirazehind.com/2025/12/blog-post_69.html
अकिंचन फाउण्डेशन ने मनायी महान विचारक की 15वीं पुण्यतिथि
जौनपुर। स्वदेशी आन्दोलन के प्रणेता और महान विचारक राजीव दीक्षित की 15वीं पुण्यतिथि नगर के लाइन बाजार में स्थित हैनिमैन होमियो सेंटर पर श्रद्धा और सम्मान के साथ मनायी गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेविका रेखा तिवारी ने किया जहां कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कमलेश सिंह ने राजीव दीक्षित के विचारों और उनके जीवन दर्शन पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये बताया कि उन्होंने भारतीय संस्कृति, स्वदेशी उत्पादों तथा मिट्टी के बर्तनों के उपयोग को पुनर्जीवित करने का महत्वपूर्ण अभियान चलाया। राजीव जी ने विदेशी कम्पनियों और विदेशी जीवन शैली से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक किया और भारतीय सभ्यता–संस्कृति के संरक्षण के लिए आजादी बचाओ आंदोलन से लेकर भारत स्वाभिमान तक कई महत्वपूर्ण अभियान चलाये।
मुख्य वक्ता ने कहा कि दीक्षित जी एक प्रखर सामाजिक कार्यकर्ता और स्वदेशी आन्दोलन के प्रमुख चेहरा थे। 30 नवम्बर 1967 को अलवर (राजस्थान) में जन्मे श्री दीक्षित ने वर्ष 1991 में आजादी बचाओ आंदोलन की शुरुआत की। स्वदेशी उत्पादों और भारतीय उद्योगों के समर्थन में व्यापक जनजागरण किया। आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा पद्धति के पुनरुत्थान पर उनका विशेष बल रहा। गौ माता के आर्थिक एवं सांस्कृतिक महत्व को समाज के सामने रखा। उन्होंने भारतीय गुरुकुल शिक्षा प्रणाली का समर्थन किया। विदेशी शिक्षा पद्धति की कमियों व उसके दुष्प्रभावों पर खुलकर आवाज उठायी। भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की स्थापना कर स्वावलम्बन और स्वाभिमान पर जोर दिया। उनका निधन 30 नवम्बर 2010 को हुआ परंतु उनके विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरणा देते हैं।इस अवसर पर प्रमुख शुक्ला, पंकज सिंह, चंचल पाठक, नारायण तिवारी, डॉ. ज्ञान प्रकाश सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। यह आयोजन अकिंचन फाउण्डेशन द्वारा सम्पन्न किया गया। अंत में डॉ. अमरनाथ पाण्डेय ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। अध्यक्षता कर रही रेखा तिवारी को अंगवस्त्रम व बुकें प्रदान कर सम्मानित किया। इस प्रकार पूरा कार्यक्रम राजीव दीक्षित के स्वदेशी विचारों एवं राष्ट्रहित की भावना के प्रति समर्पण को याद करते हुये सम्पन्न हुआ।

